ग्यारह रुद्र अवतारों के नाम और कथा
भगवान शिव का एक नाम रुद्र है ऋग्वेद में भगवान रुद्र को परमात्मा कहा गया है | शिवपुराण, भगवतपुराण और शैवागम में भगवान शिव के एकादस रुद्र यानी ग्यारह रुद्र अवतार बताएं गए है |
भगवान शिव का एक नाम रुद्र है ऋग्वेद में भगवान रुद्र को परमात्मा कहा गया है | शिवपुराण, भगवतपुराण और शैवागम में भगवान शिव के एकादस रुद्र यानी ग्यारह रुद्र अवतार बताएं गए है |
क्या सच में सृष्टि भगवान ने ही बनाई? भागवत पुराण: कई धार्मिक समुदायों में ईश्वर को सृष्टि का रचनाकार माना जाता है और इस मान्यता के आधार पर यह प्रश्न खड़ा होता है की
ब्रह्मा जी त्रिदेवों में एक हैं। वह परमपिता के रूप में सृष्टि के रचनाकार हैं। इस ब्रह्मांड की रचना ब्रह्मा जी ने की हैं, पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई हैं जिसकर वह
Bhagwan Shiv Ke 12 Jyotirling पृथ्वी के जिन स्थानों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुएं इन स्थलों को ज्योतिर्लिंग कहां जाता हैं। भारत में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग यानी 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं ।
मत्स्य अवतार भगवान के दशावतार में से पहला अवतार हैं। यहां भगवान विष्णु एक मछली के रूप में अवतरित हुए थे, लेकिन यह मछली कोई साधारण मछली जीव नहीं थी यह साक्षात भगवान विष्णु का
भगवान श्रीविष्णु सृष्टि के कण-कण में विराजमान होकर सृष्टि को गतिशील और जीवों का पालनपोषण करते हैं, प्राचीन समय की बात हैं, हिरण्यकश्यप नामक दैत्य ने परमपिता ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान प्राप्त किया था
Shri krishna virat roop भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को विश्वरूप भी कहां जाता हैं, सम्पूर्ण जगत, अनंत ब्रम्हांड, तीनों लोक भगवान के इस अनंत व्याप्त रूप में समाया हुआ हैं। भगवान के इस रूप
अहंकार करना उचित नहीं होता अहंकार को एक शत्रु भी कह सकते हैं, यह शत्रु मन बुद्धि पर अधिकार कर लेता हैं, व्यक्ति को पता भी नहीं चलता की अहंकार उसे अज्ञानता घोर अंधकार में
भगवान श्रीकृष्ण युगों–युगों से अपने भक्तों का उद्धार करते आए हैं। जब द्वापर युग में भगवान ने अवतार लिया , तब उनके मामा कंस के कारण शिशु अवस्था में ही संकट के काले बादल उनके
ओड़िशा राज्य के पूरी शहर में भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर हैं। भगवान जगन्नाथ जी के कारण पूरी को भारत भर में जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। भगवान जगन्नाथ की पूरी सनातन के चार धामों