मंत्र जाप का महत्व | कौन से मंत्र का जाप करें?

मंत्र जाप का महत्व जिन ध्वनियों को हम मंत्र जानते हैं, वे हमारे मुख से निकलने वाली बाकी ध्वनियों के समान नहीं होतीं। हम मुख से आवाज़ तब बनाते हैं जब किसी से बात करनी होती है, अपने मन की…
मंत्र जाप का महत्व जिन ध्वनियों को हम मंत्र जानते हैं, वे हमारे मुख से निकलने वाली बाकी ध्वनियों के समान नहीं होतीं। हम मुख से आवाज़ तब बनाते हैं जब किसी से बात करनी होती है, अपने मन की…
योग साधना, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए मंत्रों का जाप एक उपयुक्त तरीका माना जाता है | जाप का महत्व न केवल वेद और पुराणों में बताया गया है | श्रीमद भगवद्गीता में भी भगवान कृष्ण ने “यज्ञानां…
आदि शंकर आचार्य की रचना निर्वाण षट्कम शिव के वास्तविक स्वरूप का बहुत ही सुंदर तरीके से वर्णन करती है | निर्वाण षट्कम के बोल, अर्थ और जानकारी यहां उपलब्ध है… निर्वाण षट्कम के बोल | Nirvana Shatakam Lyrics Nirvana…
महा मृत्युंजय मंत्र महा मृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || (AUM Tryambkan Yajamahe Sugandhin Pushtiverdham | Urvarukamive Bandhananmrityormukshiya Mamritat ||) महा मृत्युंजय मंत्र का अर्थ महा मृत्युंजय मंत्र का…
नाम या मंत्र जप का विज्ञान | भगवान नाम जाप से कीर्तन से क्या होता है भगवान नाम जप या मंत्र जाप की शक्ति की पहचान केवल उन्हें है जिनकी बुद्धि इस दुनिया के झूठे तर्कों के बंधनों से परे…
यहां से मुक्त होना ही हर मनुष्य का उद्धार है | परंतु जो इस दुनिया के मोहजाल में ही पड़े है और निरंतर व्याकुल है सुख दुख में चूर हो जाते है | चिंता में पड़े रहते है |…
Vishnu Mantra: श्रद्धा और समर्पण से भगवान के नाम का स्मरण करना आत्मिक उन्नति का एक उत्कृष्ट साधन है, यह आध्यात्मिक उन्नति का विज्ञान है | भगवान कृष्ण गीता में कहते है त्रिगुणात्मिका माया को पार कर शांति प्राप्त करना…
नेति-नेति का अर्थ है “यह नहीं, वह नही” यह श्लोक साधक को आध्यात्मिक विकास और आत्मज्ञान साक्षात्कार करने में एक साधन का काम करता है | यह भ्रम को काटने की तलवार है सभी भ्रम से निकल कर ही ब्रह्म…
ऋषियों ने साधना में सिद्धि से महाज्ञान प्राप्त किया और जैसा देखा वैसा ही नई पीढ़ी के लिए लिख दिया | ‘तत् त्वम् असि’ यह श्लोक छांदोग्य उपनिषद का है | ‘तत् त्वम् असि’ का अर्थ है “वह तुम ही…
‘ॐ’ (ओम) सनातन धर्म का अद्वितीय महामंत्र जो जिसमे सम्पूर्ण ब्रह्मांड का रहस्य है, यह अनंत ज्ञान (परमात्मा) का प्रतिनिधित्व करता है | संपूर्ण भौतिक और जो भौतिक से परे है वह आत्मा को भी ‘ॐ’ केवल यह महामंत्र…