स्वभाव में सरलता किसे कहते है?
जब हम आध्यात्मिक उन्नति की बात करते हैं, तो सरलता या सादगी एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में सामने आती है। सरलता केवल बाहरी व्यवहार
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जब हम आध्यात्मिक उन्नति की बात करते हैं, तो सरलता या सादगी एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में सामने आती है। सरलता केवल बाहरी व्यवहार
अगर आप यह सोचते है की सृष्टि को बनाने वाले भगवान है तो आप सच्चाई से अनजान हो सकते हैं। जब हम सृष्टि को जानते
माता पिता का स्थान किसी बच्चे के जीवन में सबसे ऊंचा होता है | पहले गुरु माता पिता ही होते है वे ही उसे बोलना,
जहां अन्य समुदायों या पंथ मान्यताओं तक सीमित हो सकते हैं, परंतु सनातन धर्म की कोई सीमा नहीं हैं, यह आपको किसी मान्यता के अंदर
श्रीमद्भगवत गीता कैसे पढ़ें और पढ़ने के लाभ इसमें तनिक भी संदेह नहीं किया जा सकता, श्रीमद्भगवत गीता भक्ति, योग के विषय में प्राप्त समस्त
रामभक्त हनुमान अतुलनीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वह भगवान शिव के अंशअवतार कहे जाते हैं। त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम
भगवान श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण, श्रीराम के ‘श्री’ लगाया जाता है, परंतु भगवान शिव के आगे ‘श्री’ को नही लगाया जाता, इसके पीछे का कारण बहुत कम
हम अपने आस पास की प्रकृति जीवन को देखते हैं तो मन में यह प्रश्न आना साधारण हैं की इस की रचना किसने की होंगी।
“ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।” देवी मां के नौ वाहनों का अर्थ
तुलसी को औषधीय गुणों की खान भी बोल सकते हैं । तुलसी के पौधे का आयुर्वेद और वेदों में भी महत्व मिलता हैं साथ ही