मत्स्यावतार : मत्स्य अवतार की कथा | भगवान श्रीविष्णु का पहला अवतार
मत्स्य अवतार भगवान के दशावतार में से पहला अवतार हैं। यहां भगवान विष्णु एक मछली के रूप में अवतरित हुए थे, लेकिन यह मछली कोई साधारण मछली जीव नहीं थी यह साक्षात भगवान विष्णु का
Divine Knowledge And Yoga
मत्स्य अवतार भगवान के दशावतार में से पहला अवतार हैं। यहां भगवान विष्णु एक मछली के रूप में अवतरित हुए थे, लेकिन यह मछली कोई साधारण मछली जीव नहीं थी यह साक्षात भगवान विष्णु का
भगवान श्रीविष्णु सृष्टि के कण-कण में विराजमान होकर सृष्टि को गतिशील और जीवों का पालनपोषण करते हैं, प्राचीन समय की बात हैं, हिरण्यकश्यप नामक दैत्य ने परमपिता ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान प्राप्त किया था
भगवान नाम जप के लिए कोई भी नियम या बंधन नहीं होता हैं, नाम जप का बीज चाहे कैसा भी बोए जाए ये फल देने ही वाले हैं, भगवान नाम का एक महामंत्र हैं। हरे
भगवान श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण, श्रीराम के ‘श्री’ लगाया जाता है, परंतु भगवान शिव के आगे ‘श्री’ को नही लगाया जाता, इसके पीछे का कारण बहुत कम लोग जानते है, इसके पीछे के कारण को इस आलेख
| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः | मंत्र जाप के फायदे और हिंदी अर्थ शास्त्रों, पुराणों और गुरुओं से भगवान श्रीकृष्ण की अनंतता का वर्णन मिलता हैं, वे सभी जीवों को धारण करने वालें और
भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को विश्वरूप भी कहां जाता हैं, सम्पूर्ण जगत, अनंत ब्रम्हांड, तीनों लोक भगवान के इस अनंत व्याप्त रूप में समाया हुआ हैं। भगवान के इस रूप को परम रहस्य हैं
अहंकार करना उचित नहीं होता अहंकार को एक शत्रु भी कह सकते हैं, यह शत्रु मन बुद्धि पर अधिकार कर लेता हैं, व्यक्ति को पता भी नहीं चलता की अहंकार उसे अज्ञानता घोर अंधकार में
ओड़िशा राज्य के पूरी शहर में भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर हैं। भगवान जगन्नाथ जी के कारण पूरी को भारत भर में जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। भगवान जगन्नाथ की पूरी सनातन के चार धामों