‘राधे राधे’ महामंत्र महत्व और जाप के अतुलनीय लाभ

Vaishnava

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Radhe Radhe Bolne Se Kya Hota Hai
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राधाकृष्ण निस्वार्थ प्रेम, भक्ति, आत्मसमर्पण, दिव्यता और निस्वार्थ आराधना के प्रतीक है ‘राधे राधे’ या ‘राधा राधा’ कृष्णभक्तों का प्रमुख मंत्र है, इस मंत्र का जाप करना भी सरलतम है | कई विद्वानों ने इसे महामंत्र भी माना है |यह राधा देवी का नाम ही है | राधा की आराधना स्वयं भगवान कृष्ण करते है, इस ‘राधा’ नाम का महिमा अपरम्पार, अतुलनीय है, इसके लाभ दैवीय कृपा से अलग नहीं! यह मंत्र निरंतर जाप साधक को मानसिक और आध्यात्मिक लाभ, भगवत्ता और परमधाम ब्रह्म निर्वाण साधने के लिए उत्तम विधि है|


Radhe radhe japa mahatv
Radha Krishna Painting

‘राधे राधे’ जाप के लाभ

  • मानसिक शांति: निरंतर एकाग्र चित्त और समर्पण के भाव से ‘राधे राधे’ मंत्र जाप से मानसिक तनाव और चिंता जैसे विकारों से छुटकारा पाया जा सकता है, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से तनाव चिंता से ग्रस्त है, तो भी इस मंत्र के साधना के लाभ देखें जाते है |
  • भगवान कृष्ण की कृपा और दिव्यज्ञान : इस पवित्र मंत्र का जाप करना अत्यंत सरल है इससे अंतरिक शांति पवित्रता को साधा जा सकता है और इस साधना से परम चेतना यानी भगवान के परमधाम का साक्षात्कार किया जा सकता है |
  • देवी लक्ष्मी की कृपा : लक्ष्मी सुख, समृद्धि और यश की देवी है, कई धार्मिक ग्रंथों ने श्रीराधा को लक्ष्मी का ही अवतार माना है, अतः राधा के जाप से देवी लक्ष्मी की भी आराधना होती है |
  • सुखी और सरल जीवन : मंत्र जाप से आंतरिक शुद्धता को प्राप्त किया जाता है, व्यक्ति का जीवन में सरलता और सुख प्राप्त होता है |
  • प्रेम भक्ति की प्राप्ति : ‘राधे राधे’ जाप विधि से भक्त के भीतर अनावश्यक विषयों का अभाव होता है जिससे एकाग्रता उच्च बुद्धि को साधा जाता है, और भक्ति का उदय होता है, भक्त भगवान के साथ प्रेम के अटूट बंधन में बंध जाता हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करता हैं।
  • हृदय प्रेम से भर जाता है: मंत्र जाप आंतरिक निर्लमलता को बढ़ावा देता है, जिससे अन्य के प्रेम प्रति प्रेम और करुणा में बढ़ोतरी होती है; यह सामाजिक और पारिवारिक जीवन में महत्वपूर्ण है |
  • बुरे विचार और आसुरी गुणों का नाश : निरंतर मंत्र जाप से उच्च बुद्धि को साधा जाता है जिससे अनावश्यक विचार और बुरे गुण जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, घृणा, ईर्षा और भोग की तृष्णा इत्यादि नष्ट होने लगते है |
  • भावनात्मक सुधार और सकारात्मक ऊर्जा का संचार: ‘राधे राधे’ जाप से नकारात्मक भाव से छुटकारा होंगा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है, इससे अच्छी और सकारात्मक भावना में बनने लगती है |
  • भय से मुक्ति: कई भक्तों का कहना है की राधा नाम का सुमिरन श्रीराधे के स्वरूप स्मरण सह करने से तत्काल भय से मुक्ति हो जाती है |
  • परम् आनंद की प्राप्ति: निरंतर जाप साधना से सुख-दुख, जन्म-मृत्यु, मायारूपी जगत से आसक्ति का नाश होता है जिससे आंतरिक शांति और परम्आनंद साधा जाता है |
  • सांसारिक सुखों से आसक्ति से छुटकारा : निरंतर ‘राधे राधे’ जाप साधना से मंत्र के स्वर की ध्वनि जब चित्त में प्रवेश करती है, तब सांसारिक विषयों की इच्छा और आसक्ति से छुटकारा पाया जा सकता है |
  • परमधाम ब्रह्म निर्वाण की प्राप्ति: समर्पण के भाव से ‘राधे राधे’ नाम जप में लीन होकर जन्म मृत्यु और भौतिकता से मुक्ति होती है जिससे ब्रह्म निर्वाण या भगवान के परमधाम का साक्षात्कार और प्राप्ति होती है |

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Painting of Radha

‘राधे राधे’ जाप का महत्व (महिमा)

राधा देवी भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय सखी हैं, जब भी कृष्ण का नाम आता हैं श्री राधा देवी का नाम भी आता हैं। आपने कृष्णभक्तों को अक्सर ‘राधे राधे‘ का जाप करते देखा और सुना होंगा! इस मंत्र का प्रेम और श्रद्धा से जाप करना भक्त के जीवन में महत्वपूर्ण बन जाता है |

परमार्थ के लिए भगवत गीता और अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों में भी जप कीर्तन का विशेष महत्व बताया गया है | अधिकतर भक्त ‘राधे राधे’ या ‘राधा’ का स्मरण करते है, राधा केवल एक नाम नहीं बल्कि सिद्ध मंत्र है | स्वयं भगवान कृष्ण जिस नाम का जाप करते है वह ‘राधा’ नाम ही है |

राधा और कृष्ण निस्वार्थ, अटूट प्रेम के प्रतीक है, कृष्ण राधा की आराधना करते है और राधा कृष्ण की आराधना करती है | राधा और कृष्ण दोनों में पूर्ण समता है |

ब्रह्मवैवर्तपुराण में राधा का महत्व लिखा है:

राधा भजति तं कृष्णं स च तं च परस्परम्।
उभयोः सर्वसंयम च सदा सन्तो वदन्ति च ॥

राधा और कृष्ण एक दूसरे का स्मरण आराधना करते है, संत सदा कहते है राधा कृष्ण सभी तरह से समान है और पूजनीय है, राधा और कृष्ण दो नहीं है |

कृष्ण यानी शुद्ध आत्मा यानी अहंकार रहित चेतना है और राधा निस्वार्थ प्रेम है | ‘राधे’ नाम का जाप करना यानी प्रेम में आत्म समर्पण करना स्वयं को भक्ति और कीर्तन में समर्पित करना यही राधा और कृष्ण का स्वरूप है |

आपने सुना होगा “राधे बिन शाम आधे” अगर कृष्ण का नाम आता हैं तो राधा का भी नाम आता हैं। राधा और कृष्ण दोनों भिन्न नहीं परंतु एक ही हैं। कुछ धार्मिक ग्रंथों में राधा को योगमाया के भी कहा गया हैं, भगवान की योगमाया शक्ति के कारण ही भगवान के संसार के कार्य पूर्ण होते है |

जो भक्त राधा की आराधना करते है वे कृष्ण की भी आराधना करते है भक्ति और समर्पण के भाव और निरंतर ‘राधे राधे’ इस पवित्र मंत्र में लीन होकर भगवान कृष्ण को शीघ्र ही प्राप्त हुआ जा सकता है |

‘रा’ शब्दं कुर्वतस्त्रस्तो ददामि भक्तिमुत्तमाम्।
‘धा’ शब्दं कुर्वतः पश्चाद् यामि श्रवणलोभतः॥

अर्थात: ‘रा’ के उच्चार से अंतकरण शुद्ध होता है भक्ति का उदय होता है और ‘धा’ के उच्चार से बंधनों से मुक्ति और ब्रह्म निर्वाण को प्राप्त हुआ जा सकता है |

साधकों! ‘राधा राधा’ या ‘राधे राधे’ का निरंतर जाप करना आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक विकारों को दूर करने और योग सिद्धि के लिए उत्तम साधना है |

जो भक्त निरंतर ‘राधे राधे’ जाप करते है कलियुग के दोष उनसे से दूर रहते है, यह मन के बुराइयों को दूर रखता है और इसके जाप से पिछली जिंदगी के पाप और कर्म संस्कार का नाश होने लगता है |

अगर किसी को राधा नाम में ही श्रद्धा हो जाएं तो उसके सभी बंधन कटने लगते है मन पवित्र बनाता जाता है, ‘राधे राधे’ मंत्र की सिद्धि से उस भक्त की जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति (मोक्ष) हो जाता है |

भवनं धावनं रासे स्मरत्यालिंगनं जपन् | तेन जल्पति संकेतं तत्र राधां स ईश्वरः ||
राशब्दोच्चारणाद्भक्तो राति मुक्तिं सुदुर्लभाम् | धाशब्दोच्चारणाद्दुर्गे धावत्येव हरेः पदम् ||

निरंतर राधा नाम का जाप परम् दुर्लभ मुक्ति और परमपद का साधन है; सरलतम और उत्तम विधि है, शास्त्रों का कहना है की ‘रा’ के पवित्र ध्वनि उच्चार से दुखरूपी माया जगत से मुक्ति और ‘धा’ के उच्चार से भगवान के परमधाम की प्राप्ति होती है |

अगर किसी के व्यक्ति में भक्ति का उदय नहीं हुआ तो उसके लिए भी ‘राधा’ मंत्र लाभदायक है ‘रा’ ध्वनि से व्यक्ति में भक्ति का उदय होता है, मन की शुद्धता यानी विषय और वासनाओं का त्याग करना और ‘धा’ से ब्रह्म निर्वाण यानी भगवान के समीप पहुंच जाना |

‘राधे राधे’ का जाप करने वालें भक्तों के कष्ट बहुत शीघ्र नष्ट हो जाते है,

राधा-राधा रटत ही भव व्याधा मिट जाय।
कोटि जनम की आपदा राधा नाम लिये सो जाय।।

अर्थात: जो राधा राधा या ‘राधे राधे’ का निरंतर भजन करता है उसकी भौतिकता की व्याधा मिट जाती है कोटि जन्म के पाप बंधन दोष मिट जाते है और उसे परमधाम मोक्ष की प्राप्ति होती है |


Radhe radhe japa mahatv
Radha And Krishna with other cowherd girls

‘राधे राधे’ जाप विधि

‘राधे राधे’ या राधा राधा इस मंत्र का जाप अत्यंत सरल है, इस मंत्र जाप की विधि यहां पढ़ें:

  1. एकांत और शांत स्थान को चुनिए: साधना के लिए शांत और एकांत स्थान को चुनना अच्छा है इससे मंत्र जाप करते हुएं बाधा आने की संभावना बहुत कम होती है |
  2. समय को चुनें: ‘राधे राधे’ मंत्र का जाप किसी भी समय पर किया जा सकता है, कई भक्त अखंड नाम जप करते है परंतु शेष समय निकाल कर मंत्र जाप करना भी श्रेष्ठ है|
  3. ध्यानात्मक आसन में बैठे: ध्यानात्मक आसन जैसे सुखासन और पद्मासन में बैठते हुए मंत्र जाप करने से आलस और निद्रा दूर रहने में मदद मिलती है |
  4. मंत्र जाप करते हुएं मन को एकाग्र करें: नए नवेले साधकों का मन मंत्र जाप से शीघ्र भटक जाता है, इसलिए मन को मंत्र के स्वर और ध्वनि पर एकाग्र करने के अभ्यास किया जाता है नियमित अभ्यास से मन पर नियंत्रण पाना संभव है |
  5. नियमित जाप करें: इस मंत्र की सिद्धि को साधने के लिए नियमित मंत्र जाप करना चाहिए |

निष्कर्ष

राधे राधे जाप का जीवन में पूर्ण है श्री राधे देवी के नाम दो बार जाप करने से भक्त तो अद्भुत लाभ होते हैं। और जीवन भगवान के भक्ति में सुखमय होता हैं।


FAQs
राधा नाम का अर्थ क्या है?

राधा यानी ‘रा’ और ‘धा’ ‘रा’ का अर्थ है योग या मिलन पवित्रता ‘ धा’ का अर्थ है ब्रह्म निर्वाण (मोक्ष) ‘राधा’ के अन्य अर्थ धन, सफ़लता, समृद्धि, प्रेरणा, श्री कृष्ण प्रेम व बौद्धिक ऊर्जा होता हैं।


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