‘राम’ नाम की महिमा और अदभुत लाभ

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‘राम’ नाम चारों युगों में जपा जाता हैं, भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था परंतु  ‘राम’ नाम जाप उनके जन्म के पूर्व से ही जपा जाता हैं, राम नाम न केवल भगवान राम के लिए बल्कि प्राचीन ग्रंथों में ईश्वर, ब्रह्म, परमात्मा को भी राम के नाम से ही संबोधा गया हैं।

संत कबीर, तुलसीदास , नाभादास, अग्रदास स्वामी, स्वामी समर्थ रामदास जैसे असंख्य साधु संत हुए हैं, वे राम के नाम से प्रसिद्ध और पूजनीय हैं, ये संतों ने जीवन भर राम नाम की महिमा का ही गायन किया हैं। वे भगवान राम के भक्त मोक्ष धाम को प्राप्त हुए हैं।

राम नाम की महिमा और अदभुत लाभ

राम नाम की महिमा

राम नाम की महिमा अनंत, लौकिक है, महान ऋषि मुनियों ने जीवन में प्रभु राम की महिमा को गाया हैं. वे भक्त भगवान श्री राम का केवल नाम जाप से, मोक्ष धाम को प्राप्त हुए हैं। पूजा, ध्यान और यज्ञ में भी राम नाम को अद्भुत महत्व है।

अगर कोई केवल एक बार राम-नाम का जाप करता है, तो महादेव उसे आदरपूर्वक तीन बार प्रणाम करते हैं।

परमात्मा के नाम ‘राम’ का जाप करने से भक्त तत्काल ही परम शांति , सुख को प्राप्त होता हैं।

देवाधिदेव महादेव से जब देवी पार्वती में पूछा! आप किसका हैं, आप निरंतर किसका ध्यान करते हैं, भगवान शिव ने उत्तर देते हुए ‘राम’ कहां ।

केवल एक बार राम-नाम जाप करना विष्णु के सहस्त्र नाम जाप करने के तुल्य है। मंत्रों में ‘राम’ नाम एक महामंत्र कहां जाता हैं.

रामायण में एक प्रसंग हैं जिससे राम-नाम के प्रभाव को जाना जा सकता हैं, वानर सेना जब लंका पर आक्रमण करने जा रही थी तब समुद्र देवताने उनका रास्ता रोक रखा था, पत्थरों पर राम नाम लिख कर पत्थर समुद्र में तैरने लगे उन्होंने प्रत्येक पत्थर पर राम नाम लिखकर राम सेतु का निर्माण किया।

रावण ने अपने प्राणों को त्यागते समय ‘राम’ नाम का उच्चार किया और रावण परम गति को प्राप्त हो गया।

अगर कोई अपने जीवन में राम-नाम का उच्चार नहीं करता तो उसके अंतिम रात्रा में राम नाम का जाप करने से उसे परमगति को प्राप्त हो जाता हैं।

तुलसी दास जी रामचरितमानस राम नाम की महिमा गाते हैं।

राम नाम कि ओषधी खरी नीयत से खाए।अंगरोग व्यापे नहीं महारोग मीट जाए।

श्रद्धा पूर्वक राम नाम का उच्चार से सभी व्याधियां दूर हो जाती हैं, और श्रद्धालु परम शांति प्राप्त करता है।

महामंत्र जोय जपत महेसू कारसी मुहुति हेतु उपदेसू। महिमा जोसू जान गणराऊ प्रथम पूजियत नाम प्रभाऊ।

‘राम’ जो महामंत्र हैं , जो महेश जपते है, काशी में मुक्ति का मुक्ति का कारण उनका उपदेश हैं, गणेश राम नाम की महामा जानते हैं, इस नाम के प्रभाव से ही वे प्रथम पूजे जाते हैं।

जान आदि कबी नाम प्रतापु, भयउ सिद्ध करी उल्टा जापू। सहस्त्र नाम सम सुनी सीव बानी , जपी जाई पीए संग भवानी।।

आदिकावी वाल्मीकि राम नाम के प्रताप को जानने वाले है, वे राम नाम उल्टा जपकर पवित्र हो गए , शिवजी के वचन को जानकर की राम नाम सहस्त्र नाम के समान है, माता पार्वती भी शिवजी के संग राम नाम का जप करती हैं।

होइहै वहि जो राम चवि राखा। को करे तरफ बढ़ाए साखा।।

श्रीराम एक मानव नहीं है और नहीं राम सिर्फ एक नाम है, ये परम शक्ति हैं। श्रीराम के द्रोही उनके आसपास नर्क का निर्माण कर रहे हैं, चिंता छोड़ दो कोन राम नाम जपता हैं और कोन नही जपता हैं।

‘राम’ नाम जाप के लाभ

राम नाम जाप से जीवन में अद्भुत क्रांति संभव हैं।

  • ‘राम’ केवल एक बार उच्चारण से ही शांति प्राप्त होती हैं।
  • सदगति होती हैं।
  • जीवन में सरलता प्राप्त होती हैं।
  • राम नाम परमगती को प्राप्त होने के लिए श्रेष्ठ माना गया हैं।
  • मन में ‘रा’ के उच्चार से स्वास अंदर लेने पर और ‘म’ के उच्चार से स्वास बाहर निकल कर जाप से ध्यान में शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त करना संभव हैं।
  • राम नाम जप से कम समय में ही आध्यात्मिक उन्नति होती हैं।
  • निरंतर राम नाम जाप से जीवन के कठिनाइयों का सामना करने की आध्यात्मिक समर्थता प्राप्त होती है।
  • एक बार राम नाम का उच्चारण की प्रभाव इश्वर के सहस्त्र नाम के उच्चारण के तुल्य माना गया हैं,
  • माना जाता है की शव की अंतिम यात्रा राम के जाप से निकालने से व्यक्ति परमगति को प्राप्त होता हैं।
  • राम के जाप से हनुमान जी भक्त की रखा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
  • देवाधिदेव महादेव की कृपा प्राप्त होती हैं।
  • महर्षियों ने कहां है, की राम नाम परम सुखदाई हैं, वे निरंतर राम का जी जाप करते हैं।

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