हनुमान चालीसा पाठ करने के लाभ | पाठ विधि
रामभक्त हनुमान अतुलनीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वह भगवान शिव के अंशअवतार कहे जाते हैं। त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम धरती को क्रूर राक्षसों से मुक्त करने के लिएं धरती पर अवतरित हुएं। तब
रामभक्त हनुमान अतुलनीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वह भगवान शिव के अंशअवतार कहे जाते हैं। त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम धरती को क्रूर राक्षसों से मुक्त करने के लिएं धरती पर अवतरित हुएं। तब
भगवान श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण, श्रीराम के ‘श्री’ लगाया जाता है, परंतु भगवान शिव के आगे ‘श्री’ को नही लगाया जाता, इसके पीछे का कारण बहुत कम लोग जानते है, इसके पीछे के कारण को इस आलेख में जानिए। भगवान श्री
हम अपने आस पास की प्रकृति जीवन को देखते हैं तो मन में यह प्रश्न आना साधारण हैं की इस की रचना किसने की होंगी। चंचल मन के कारण ये भी प्रश्न आते है की भगवान को किसने बनाया
“ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।” देवी मां के नौ वाहनों का अर्थ क्या हैं? 1- सिंह:- देवी दुर्गा का वाहन सिंह बल और शक्ति का प्रतीक
तुलसी को औषधीय गुणों की खान भी बोल सकते हैं । तुलसी के पौधे का आयुर्वेद और वेदों में भी महत्व मिलता हैं साथ ही ऐलोपैथी, होम्योपैथी और यूनानी इन आधुनिक उपचार पद्धतियों के दवाइयों में भी तुलसी का