माया क्या हैं? | आध्यामिक, योग | Maya kya hai?
माया क्या हैं? | Maya kya hai? हमारे धार्मिक ग्रंथों में ज्ञान की विस्तारित बातें लिखी हुई हैं। इनसे मनुष्य जीव आत्म के कल्याण के पथ को चुनने में जागरूक होता हैं । मोक्ष प्राप्त
माया क्या हैं? | Maya kya hai? हमारे धार्मिक ग्रंथों में ज्ञान की विस्तारित बातें लिखी हुई हैं। इनसे मनुष्य जीव आत्म के कल्याण के पथ को चुनने में जागरूक होता हैं । मोक्ष प्राप्त
ध्यान में गहरा उतरने से आत्मा का बोध होता हैं जिसे आत्मज्ञान केहेतें हैं । लेकिन आत्मा को इंद्रियों और बुद्धि से नहीं जाना जा सकता, अगर भौतिक संसार की दृष्टि से देखा जाएं तो
आत्मा किसे कहते हैं? | Atma kise kahate hain आत्मा शब्द सामने आते ही किसीका चौकन्ना हो जाना स्वाभाविक बात हो गई हैं, इसका कारण समाज में फैली अज्ञानता हैं, लोग आत्मा को लेकर इतने
मत्स्य अवतार भगवान के दशावतार में से पहला अवतार हैं। यहां भगवान विष्णु एक मछली के रूप में अवतरित हुए थे, लेकिन यह मछली कोई साधारण मछली जीव नहीं थी यह साक्षात भगवान विष्णु का
ध्यान एक सर्वोत्तम योग क्रिया हैं, इससे आम अशांत और भागदौड़ वाले जीवन में अद्भुत क्रांति संभव हैं , ध्यान शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों के लिए लाभदायक हैं, ध्यान के महत्व को प्राचीन ग्रंथों
मन को शांत और नियंत्रित कैसे करें | Man ko niyantrit kaise kare अगर मन में लगातार उथल-पुथल होती रहती हैं। तो यह गंभीर समस्या बन सकती हैं, अगर मन को नियंत्रित और शांत न
नींद और समाधि में समानता भी हैं और ये दोनों अवस्थाएं एक दूसरे से अगल भी हैं। नींद और समाधि में अंतर और समानता को जानते हैं। नींद से तो कोई भी अनजान नहीं हैं
ॐ नमो नारायणाय (ओम नमो नारायणाय) यह मंत्र भगवान श्रीविष्णु का शरणार्थी मंत्र हैं, इसे अष्टाक्षर मंत्र और नारायण मंत्र कहकर जाना जाता हैं । पुराणों शास्त्रों में इस मंत्र के महत्व दर्शाया गया हैं
भगवान श्रीविष्णु सृष्टि के कण-कण में विराजमान होकर सृष्टि को गतिशील और जीवों का पालनपोषण करते हैं, प्राचीन समय की बात हैं, हिरण्यकश्यप नामक दैत्य ने परमपिता ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान प्राप्त किया था
ध्यान के द्वारा मन और अहंकार को विलीन कर के परमात्मा के दर्शन करना संभव हैं। जो योगी अभ्यास से ध्यान में उच्चतम सिद्धि प्राप्त करते हैं, उनके लिए परमात्मा में विलीन होना सहज हैं।