Dhyan Kaise Kare | ध्यान करने का सबसे आसान तरीका | How To Meditate
साधकों! ध्यान वह अनमोल रत्न हैं जो भारत ने जगत को दिया हैं, ध्यान का महत्व वेदों, पुराणों और अन्य प्राचीन ग्रंथों में बताया गया हैं, साथ ही आधुनिक विज्ञान भी ध्यान को मानव जीवन
धार्मिक कथाएं
सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी की उत्पत्ति कैसे हुई थीं
ब्रह्मा जी त्रिदेवों में एक हैं। वह परमपिता के रूप में सृष्टि के रचनाकार हैं। इस ब्रह्मांड की रचना ब्रह्मा जी ने की हैं, पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई हैं जिसकर वह
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थल और कथा
Bhagwan Shiv Ke 12 Jyotirling पृथ्वी के जिन स्थानों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुएं इन स्थलों को ज्योतिर्लिंग कहां जाता हैं। भारत में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग यानी 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं ।
मत्स्यावतार : मत्स्य अवतार की कथा | भगवान श्रीविष्णु का पहला अवतार
मत्स्य अवतार भगवान के दशावतार में से पहला अवतार हैं। यहां भगवान विष्णु एक मछली के रूप में अवतरित हुए थे, लेकिन यह मछली कोई साधारण मछली जीव नहीं थी यह साक्षात भगवान विष्णु का
भक्ति योग
भगवान् श्रीकृष्ण का मन में ध्यान कैसे लगाया जाता हैं
भगवान् श्रीकृष्ण का ध्यान करना दिव्य आनंद हैं । यह भक्त और भगवान् के दिव्य प्रेम संबध को दर्शाता हैं । अगर आप प्रभु को अपने हृदय में विराजमान कर ध्यान में लीन होते
हनुमान चालीसा पाठ करने के लाभ | पाठ विधि
रामभक्त हनुमान अतुलनीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वह भगवान शिव के अंशअवतार कहे जाते हैं। त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम धरती को क्रूर राक्षसों से मुक्त करने के लिएं धरती
समाधि क्या हैं – श्रीमद् भगवद्गीता के अनुसार
योग की सबसे उच्चतम अवस्था को समाधि कहां जाता हैं। जो योगी समाधि को प्राप्त होता हैं उसके समस्त कर्म परमात्मा में विलीन हो जाते हैं। वह एक जीव होने नाते बंधनों से मुक्त होता
सभी
ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप की महिमा, अतुलनीय लाभ
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र जाप की महिमा ॐ नमः शिवाय मंत्र की महिमा को लिखकर साझा करना असंभव हैं, शिव पुराण ने वर्णित है ॐ नमः शिवाय मंत्र के महत्व का वर्णन के लिए सौ
‘राम’ नाम की महिमा और अदभुत लाभ
‘राम’ नाम चारों युगों में जपा जाता हैं, भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था परंतु ‘राम’ नाम जाप उनके जन्म के पूर्व से ही जपा जाता हैं, राम
भगवान श्रीकृष्ण का विराटरूप वर्णन | विश्वरूप दर्शन, श्रीमद्भागवतगीता|
भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को विश्वरूप भी कहां जाता हैं, सम्पूर्ण जगत, अनंत ब्रम्हांड, तीनों लोक भगवान के इस अनंत व्याप्त रूप में समाया हुआ हैं। भगवान के इस रूप को परम रहस्य हैं
मृत्यु क्या है श्रीमद भागवतगीता के अनुसार | Mrityu Kya Hai Bhagwat Geeta
मृत्यु किस स्थिति, स्थान और समय पर हो जाएं कोई नहीं कह सकता, जितना कोई साधारण व्यक्ति मृत्यु के बारे में सोच सकता है और जानता है, मृत्यु के पश्चात जीव संसार से चले जाते
बंधन क्या होता हैं? | जीवात्मा का बंधन
बंधन क्या होता हैं ? बंधन का अर्थ बंधन अलग-अलग प्रकार का हो सकता है, लेकिन बंधन का अर्थ केवल एक ही है, जो मुक्ति से वंचित रखता है उसे बंधन ही कहां जाएंगा,अगर मुक्ति
गरूड़ का अहंकार, भगवान विष्णु की कथा
अहंकार करना उचित नहीं होता अहंकार को एक शत्रु भी कह सकते हैं, यह शत्रु मन बुद्धि पर अधिकार कर लेता हैं, व्यक्ति को पता भी नहीं चलता की अहंकार उसे अज्ञानता घोर अंधकार में