50+ Quotes Of Spirituality in Hindi | आध्यात्मिक अनमोल वचन
साधकों ! आध्यात्मिकता के बिना जीवन वैसे ही अधूरा हैं जैसे अग्नि के बिना एक दिया अधूरा होता हैं। यह एक बहुत अच्छी बात है की आप आध्यात्मिक उन्नति की और जागरूक है। इस लेख
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भक्ति योग
लड्डू गोपाल जी की सेवा कैसे करें? | Laddu Gopal Ki Seva Kaise Karen
भगवान श्री कृष्ण तो आनंद के सागर हैं उनकी मधुर और नटखट लीलाओं के कारण वे कितने ही दिलों पर राज करते हैं ये तो वही जाने सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को कोई अपना भाई समझ कर उनकी भक्ति करता है, कोई अपना पिता मानकर
रोजाना गायत्री मंत्र जाप के फायदे – Gayatri Mantra Ke Fayde – Gayatri Mantra Benefits Hindi
Gayatri Mantra Ke Fayde शास्त्रों में गायत्री मंत्र को एक महामंत्र कहा जाता हैं, गायत्री मंत्र की रचना महर्षि विश्वामित्र के द्वारा हुई है, साथ हीं हमारे धर्म ग्रंथों में से ऋगवेद का प्रारंभ भी गायत्री मंत्र से हीं होता हैं, गायत्री मंत्र वेदों की
Radhe Radhe: राधा नाम जप की महिमा | ब्रह्मवैवर्तपुराण
राधा देवी भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय सखी हैं, जब भी कृष्ण का नाम आता हैं श्री राधा देवी का नाम भी आता हैं। आपने कृष्णभक्तों को अक्सर राधे-राधे का जाप करते देखा होंगा। और राधे-राधे इस मंत्र का प्रेम और भक्ति से जाप करने से
आध्यात्मिक
“ब्राह्मण सत्यम,जगत मिथ्या” | तात्पर्य
‘ब्राह्मण सत्यम,जगत मिथ्या’ वाक्य अद्वैत वेदांत दर्शन का सार है। केवल इसका उच्चारण कर इसके महत्व को नहीं जाना जाता बल्कि इसे वास्तविकता में समझने की आवश्कता हैं। इस महावाक्य को वास्तविकता में समझने पर ही जीव स्वयं का कल्याण करता हैं। इस आलेख में
ब्रह्म और परब्रह्म में अंतर | स्वरूप
चराचर में व्याप्त चेतन तत्व को शास्त्रों ने ब्रह्म नाम दिया हैं, किंतु परब्रह्म का अर्थ होता है सर्वोच्च ब्रह्म जिससे ब्रह्म और परब्रह्म के बीच अंतर जान पड़ता है। ध्यान का अंतिम लक्ष है ब्रह्म स्वरूप में विलीन हो जाना । ध्यान में उच्च
परमात्मा का स्वरूप, आत्म में परमात्मा के दर्शन
परमात्मा का स्वरूप परमात्मा संपूर्ण जीवों के शरीर के साथ संपूर्ण जगत को धारण करने वाली पवित्र आत्मा हैं, यह परमात्मा केवल एक हैं। यह कण-कण में विराजमान हैं । परमात्मा के बिना इस जगत की कल्पना भी नहीं की जा सकती । बिना इसके कुछ
सभी
ध्यान में क्या सोचना चाहिए || ध्यान बीच की बाधा
जो लोग ध्यान की अवस्था नहीं जानते वे ध्यान में क्या सोचना चाहिए पूछते हैं। सबसे पहले तो हमे यह समझना है की ध्यान केवल वह नहीं है जिसे पूरी तैयारी से आसन लगाकर बैठ कर किया जाए। ध्यान एक प्राकृतिक घटना है जो दौड़ते,
ब्रह्म कौन है, ब्रह्म ज्ञान कैसे प्राप्त होता हैं.
ब्रह्म कौन हैं? ब्रह्म को कैसे जाने जिसे जाना ही नहीं जा सकता उसे कैसे जाने अगर हम जानते हैं इसके पीछे कारण होते हैं, गुण आकार आदि। लेकिन ब्रह्म निराकार, निर्गुण हैं, तो उसे जानना तो असंभव हैं। ब्रह्म का स्वरूप असल में स्वरूप
ध्यान कैसे करें? – गहरे ध्यान में प्रवेश करने के प्रभावशाली उपाय
ध्यान के द्वारा न केवल स्वयं का बल्कि जीवन मृत्यु के चक्र से परे परमसत्य तक का भी बोध प्राप्त होता हैं। तथा ध्यान में ऐसे गुण भी है जो किसी चमत्कार से कम नहीं हैं यह आपको स्वस्थ रहने में सहायता करता हैं, बुद्धि
हरे कृष्ण हरे राम… || महामंत्र जाप के लाभ, शास्त्रों में महिमा
भगवान नाम जप के लिए कोई भी नियम या बंधन नहीं होता हैं, नाम जप का बीज चाहे कैसा भी बोए जाए ये फल देने ही वाले हैं, भगवान नाम का एक महामंत्र हैं। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे , हरे राम
भगवान शिव के नाम के आगे ‘श्री’ क्यों नहीं लगाया नहीं जाता
भगवान श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण, श्रीराम के ‘श्री’ लगाया जाता है, परंतु भगवान शिव के आगे ‘श्री’ को नही लगाया जाता, इसके पीछे का कारण बहुत कम लोग जानते है, इसके पीछे के कारण को इस आलेख में जानिए। भगवान श्री विष्णु, श्रीराम, श्रीकृष्ण के आगे ‘श्री’
अहम् ब्रह्मास्मि || महावाक्य का अर्थ और तात्पर्य हिन्दी में जानिए
‘अहम् ब्रह्मास्मि ‘ महावाक्य का तात्पर्य अहम् ब्रह्मास्मि सनातन का महावाक्य है, यह अद्वैत वेदांत के चार महावाक्यों में से एक हैं, यह विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक यजुर्वेद के बृहदारण्यक उपनिषद से लिया गया हैं। अहम् ब्रह्मास्मि महावाक्य का हिंदी अर्थ