भगवान जगन्नाथ की कथा | Rath Yatra | kahani | Rahasya
ओड़िशा राज्य के पूरी शहर में भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर हैं। भगवान जगन्नाथ जी के कारण पूरी को भारत भर में जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। भगवान जगन्नाथ की पूरी सनातन के चार धामों
ओड़िशा राज्य के पूरी शहर में भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर हैं। भगवान जगन्नाथ जी के कारण पूरी को भारत भर में जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। भगवान जगन्नाथ की पूरी सनातन के चार धामों
तुलसी को औषधीय गुणों की खान भी बोल सकते हैं । तुलसी के पौधे का आयुर्वेद और वेदों में भी महत्व मिलता हैं साथ ही ऐलोपैथी, होम्योपैथी और यूनानी इन आधुनिक उपचार पद्धतियों के दवाइयों
भौतिक शरीर नश्वर है, समय के साथ शरीर का विकास होता है और एक समय पर रोग, हानि या बुढ़ापे के कारण शरीर की मृत्यु हो जाती हैं। जगत में आज तक जो भी भौतिक
भगवान शिव जिनका न आदि है न अंत। उन्हें स्वयंभू भी कहां जाता हैं । शिव महापुराण और अन्य पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने अधर्म का सर्वनाश करने के लिए रूद्र अवतार और अंशअवतार
इस लेख में समाधी क्या है? श्रीमद भागवत गीता में समाधी का वर्णन, और समाधि की अवस्था को कैसे पाया जा सकता है इन विषयों पर जानकारी दी गई है। अन्य पढ़े – आत्मज्ञान क्या
आत्म-ज्ञान क्या है? साधकों! आत्म-ज्ञान क्या है? इसे हम इस प्रश्न में हुए शब्दों से ही समझ सकते हैं, जब आप ‘स्वयं’ की और इशारा करते हैं तो आप स्वयं को ‘आत्म’ कहते हैं, जब
साधकों इस लेख में आप जीवात्मा, आत्मा और परमात्मा के बीच के अंतर को जानेंगे। गरूड़ पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता इन धार्मिक ग्रंथों में हमें जीवात्मा आत्मा और परमात्मा के बारे में पर्याप्त ज्ञान मिलता हैं। जीवात्मा,
Bhagwan vishnu ke kitne avatar Hai श्रीमदभगवद्गीता में भगवानश्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच में संवाद है जहां भगवान अर्जुन से कहते है जब जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का वर्चस्व बढ़ने लगता
ज्यादातर पुरुष और स्त्रियां हस्तमैथून करते हैं हस्तमैथून करने से चरम-आनंद (Orgasm) मिलता हैं और इससे से सेक्स की इच्छा की पूर्ति होती है, हस्तमैथुन एक आम प्रक्रिया है, और इसे करने से पुरुष और
युगों-युगों से ही लोगों में परमात्मा को जानने की जिज्ञासा चली आ रही हैं, हमारे धार्मिक ग्रंथों में वर्णित मिलता हैं की यह संसार एक जीवन और मृत्यु का चक्र हैं जिसमे जीवात्मा झुझती हैं,