“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” महत्व और अतुलनीय लाभ, हिंदी शाब्दिक अर्थ सहित
यह मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” ज्यादातर कृष्णभक्तों और हरिभक्तों का प्रिय मंत्र है यह प्रमुख वैष्णव मंत्र है, इस मंत्र का शाब्दिक अर्थ, मंत्र
Vaishnava YOGA
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अध्यात्म में सत् (परम सत्य) कहां या बताया नहीं जा सकता बल्कि सत् को केवल उपलब्ध हुआ जाता हैं। सत् को उपलब्ध होना दिव्य अनुभूति
भगवान शिव के अनन्य भक्त शिव का स्मरण करते है; वे “ॐ नमः शिवाय” इस मंत्र का जाप करते है | यह मंत्र बहुत ही
‘राम’ नाम चारों युगों में जपा जाता हैं, भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था परंतु ‘राम’ नाम जाप
भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को विश्वरूप भी कहां जाता हैं, सम्पूर्ण जगत, अनंत ब्रम्हांड, तीनों लोक भगवान के इस अनंत व्याप्त रूप में समाया
मृत्यु किस स्थिति, स्थान और समय पर हो जाएं कोई नहीं कह सकता, जितना कोई साधारण व्यक्ति मृत्यु के बारे में सोच सकता है और
बंधन क्या होता हैं ? बंधन का अर्थ बंधन अलग-अलग प्रकार का हो सकता है, लेकिन बंधन का अर्थ केवल एक ही है, जो मुक्ति
अहंकार करना उचित नहीं होता अहंकार को एक शत्रु भी कह सकते हैं, यह शत्रु मन बुद्धि पर अधिकार कर लेता हैं, व्यक्ति को पता
भगवान नाम जप कैसे करें भगवान का नाम जपने के लिए किसी विशेष स्थिति, स्थान या विशेष दिवस की अनिवार्यता नही हैं, भगवान नाम जाप
एक समय की बात है, एक गांव में भाई बहन रहते थे, बहन अपने भाई से बहुत प्रेम करती थी, बहन का रोज का नियम