अर्जुन द्वारा श्रीभगवान कृष्ण के सर्व-तेजोमय विराटरूप (विश्वरूप) वर्णन
भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को विश्वरूप भी कहां जाता हैं, सम्पूर्ण जगत, अनंत ब्रम्हांड, तीनों लोक भगवान के इस अनंत व्याप्त रूप में समाया
Purity of Life
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भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को विश्वरूप भी कहां जाता हैं, सम्पूर्ण जगत, अनंत ब्रम्हांड, तीनों लोक भगवान के इस अनंत व्याप्त रूप में समाया
मृत्यु किस स्थिति, स्थान और समय पर हो जाएं कोई नहीं कह सकता, जितना कोई साधारण व्यक्ति मृत्यु के बारे में सोच सकता है और
बंधन क्या होता हैं ? बंधन का अर्थ बंधन अलग-अलग प्रकार का हो सकता है, लेकिन बंधन का अर्थ केवल एक ही है, जो मुक्ति
अहंकार करना उचित नहीं होता अहंकार को एक शत्रु भी कह सकते हैं, यह शत्रु मन बुद्धि पर अधिकार कर लेता हैं, व्यक्ति को पता
भगवान नाम जप कैसे करें भगवान का नाम जपने के लिए किसी विशेष स्थिति, स्थान या विशेष दिवस की अनिवार्यता नही हैं, भगवान नाम जाप
एक समय की बात है, एक गांव में भाई बहन रहते थे, बहन अपने भाई से बहुत प्रेम करती थी, बहन का रोज का नियम
इस भौतिक जगत में अगर जो कुछ भी उत्पन्न होता है या जन्म लेता है, वो समय के साथ नष्ट भी हो जाते हैं ,
एक गांव में मनोहरदास नामक संत अपनी पत्नी वसुंधरा के साथ रहते थें। एक दिन संत मनोहरदास ने साहूकार से ब्याज पर सौ रूपये लिए
“ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।” देवी मां के नौ वाहनों का अर्थ
कई लोग को जीवन को लेकर अपनी अपनी टिप्पणी देते हैं । जीवन को लेकर सबके विचार अलग-अलग हैं । जो जीवन में सुखी हैं