आध्यात्मिकता क्या हैं || आध्यात्मिक व्यक्ति के दैवी गुण
आध्यात्मिकता के बारे समाज में कई बाते होती रहती हैं, लोगों का मानना हैं को आध्यात्मिकता जीवन जीने का तरीका है जो सामान्य जीवन से बहुत कठिन हैं, जो आध्यात्मिक होना चाहता हैं उसे घर
Divine Knowledge And Yoga
आध्यात्मिकता के बारे समाज में कई बाते होती रहती हैं, लोगों का मानना हैं को आध्यात्मिकता जीवन जीने का तरीका है जो सामान्य जीवन से बहुत कठिन हैं, जो आध्यात्मिक होना चाहता हैं उसे घर
साधकों ! आध्यात्मिकता के बिना जीवन वैसे ही अधूरा हैं जैसे अग्नि के बिना एक दिया अधूरा होता हैं। यह एक बहुत अच्छी बात है की आप आध्यात्मिक उन्नति की और जागरूक है। इस लेख
साधकों! ईश्वर को तो हर कोई खोजने में लगा होता हैं कोई बड़ा मंच हो या आम रोजाना की बातचीत कभी न कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ होंगा किसीने ईश्वर के बारे में बात
हम मानव और अन्य जीव जिस जगह जीवित रहते हैं इसे पृथ्वी लोग कहां गया हैं। इसी लोक में हम भौतिक शरीर प्राप्त करते हैं और एक समय पर इसे त्याग देते हैं। मानव शरीर
श्रीमद् भगवद् गीता कैसे पढ़ें और पढ़ने के बेहतरीन फायदे इसमें तनिक भी संदेह नहीं किया जा सकता, श्रीमद् भगवद् गीता भक्ति, योग के विषय में प्राप्त समस्त ग्रंथों में उत्कृष्ट हैं। यह साक्षात भगवान
योग की सबसे उच्चतम अवस्था को समाधि कहां जाता हैं। जो योगी समाधि को प्राप्त होता हैं उसके समस्त कर्म परमात्मा में विलीन हो जाते हैं। वह एक जीव होने नाते बंधनों से मुक्त होता
कुंडलिनी योग गैरमामुली हैं । यह जीवन शक्ति, ऊर्जा, तेज से भरपूर हैं। अगर किसी साधक की एक बार कुंडलिनी शक्ति जागृत हो जाती हैं, तो अगले ही दिन में यह अविश्वसनीय बदलाव ला सकती
हमारे धार्मिक ग्रंथों में ज्ञान की विस्तारित बातें लिखी हुई हैं। इनसे मनुष्य जीव आत्म के कल्याण के पथ को चुनने में जागरूक होता हैं । मोक्ष प्राप्त करना जीवात्मा का सर्वोत्तम कल्याण कहां गया
ध्यान में गहरा उतरने से आत्मा का बोध होता हैं जिसे आत्मज्ञान केहेतें हैं । लेकिन आत्मा को इंद्रियों और बुद्धि से नहीं जाना जा सकता, अगर भौतिक संसार की दृष्टि से देखा जाएं तो
आत्मा शब्द सामने आते ही किसीका चौकन्ना हो जाना स्वाभाविक बात हो गई हैं, इसका कारण समाज में फैली अज्ञानता हैं, लोग आत्मा को लेकर इतने अज्ञान में हैं की वे आत्मा की बात भी