श्री हरि स्तोत्रम् के बोल | हिंदी अर्थ और व्याख्या सहित |
भगवान विष्णु जो माया के गुणों से परे हैं उन्हें अनन्य भक्ति द्वारा जाना जाता हैं, भगवान विष्णु के भक्ति में उनका भजन कीर्तन, पूजा और यज्ञ आदि कार्य किए जाते है भगवान विष्णु के … पूरा पढ़िए→
भगवान विष्णु जो माया के गुणों से परे हैं उन्हें अनन्य भक्ति द्वारा जाना जाता हैं, भगवान विष्णु के भक्ति में उनका भजन कीर्तन, पूजा और यज्ञ आदि कार्य किए जाते है भगवान विष्णु के … पूरा पढ़िए→
आध्यात्मिकता के बारे समाज में कई बाते होती रहती हैं, लोगों का मानना हैं को आध्यात्मिकता जीवन जीने का तरीका है जो सामान्य जीवन से बहुत कठिन हैं, जो आध्यात्मिक होना चाहता हैं उसे घर … पूरा पढ़िए→
जो लोग भाग्यवान होते हैं उन्हें जीवन में भगवान की भक्ति प्राप्त होती है भक्ति ही जीवन का सार हैं। भगवान के निस्वार्थ भक्तों ने भक्ति कर भगवान की कृपा प्राप्त कि जिससे उन्हें भक्ति … पूरा पढ़िए→
सबसे पहले तो यह जान लीजिए भक्ति किसी लाभ के लिए नहीं हैं, भगवान की भक्ति करना यानी भगवान को समर्पण करना होता हैं। भक्ति का अर्थ है निस्वार्थ प्रेम यह एक भाव है जो … पूरा पढ़िए→
साधकों ! आध्यात्मिकता के बिना जीवन वैसे ही अधूरा हैं जैसे अग्नि के बिना एक दिया अधूरा होता हैं। यह एक बहुत अच्छी बात है की आप आध्यात्मिक उन्नति की और जागरूक है। इस लेख … पूरा पढ़िए→
भगवान श्रीकृष्ण के अनमोल वचन सुनकर या पढ़कर मनुष्य अपना कल्याण करता हैं, यह साक्षात भगवान की वाणी हैं जो संपूर्ण जगत के पालनहार हैं। विज्ञापन भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर और श्रीमद भागवत गीता … पूरा पढ़िए→
आत्मा रामा आनंद रमना भजन के बोल आत्मा रामा आनंद रमना, आत्मा रामा आनंद रमना | अच्युत केशव हरि नारायण, अच्युत केशव हरि नारायण ||१|| भवभय हरणा वंदित चरणा, भवभय हरणा वंदित चरणा | रघुकुलभूषण … पूरा पढ़िए→
साधकों! ईश्वर को तो हर कोई खोजने में लगा होता हैं कोई बड़ा मंच हो या आम रोजाना की बातचीत कभी न कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ होंगा किसीने ईश्वर के बारे में बात … पूरा पढ़िए→
मंत्र के बोल || केशवी केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूतिर्: रूद्राणी रूद्र देवता || || Keshavi Keshavaraadhyā Kishori Keshavastutā Rudra Roopā Rudra Murthihi Rudraani Rudra Devatā || विज्ञापन मंत्र का अर्थ और तात्पर्य … पूरा पढ़िए→
भगवान् श्रीकृष्ण का ध्यान करना दिव्य आनंद हैं । यह भक्त और भगवान् के दिव्य प्रेम संबध को दर्शाता हैं । अगर आप प्रभु को अपने हृदय में विराजमान कर ध्यान में लीन होते … पूरा पढ़िए→