Aham Brahmasmi अहम् ब्रह्मास्मि

अहम् ब्रह्मास्मि || महावाक्य का अर्थ और तात्पर्य हिन्दी में जानिए

  ‘अहम् ब्रह्मास्मि ‘ महावाक्य का तात्पर्य अहम् ब्रह्मास्मि  सनातन का महावाक्य है, यह अद्वैत वेदांत के चार महावाक्यों में से एक हैं, यह विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक यजुर्वेद के बृहदारण्यक उपनिषद

"ब्राह्मण सत्यम,जगत मिथ्या"

“ब्राह्मण सत्यम,जगत मिथ्या” | तात्पर्य

‘ब्राह्मण सत्यम,जगत मिथ्या’ वाक्य अद्वैत वेदांत दर्शन का सार है। केवल इसका उच्चारण कर इसके महत्व को नहीं जाना जाता बल्कि इसे वास्तविकता में समझने की आवश्कता हैं। इस महावाक्य को वास्तविकता में समझने पर