स्वभाव में सरलता किसे कहते है? | Saralta kise kahate hain
जब हम आध्यात्मिक उन्नति की बात करते हैं, तो सरलता या सादगी एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में सामने आती है। सरलता केवल बाहरी व्यवहार नहीं, बल्कि आंतरिक अवस्था भी होती है, जो हमें मानसिक
जब हम आध्यात्मिक उन्नति की बात करते हैं, तो सरलता या सादगी एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में सामने आती है। सरलता केवल बाहरी व्यवहार नहीं, बल्कि आंतरिक अवस्था भी होती है, जो हमें मानसिक
Read this article in English ध्यान में उन्नति कैसे करें? नियमित ध्यान का प्रामाणिक अभ्यास करने से व्यक्ति स्वयं को उस योग्य बनाता है की वह सांसारिक बंधनों से अपने आप मुक्त कर लेता है
अगर आप यह सोचते है की सृष्टि को बनाने वाले भगवान है तो आप सच्चाई से अनजान हो सकते हैं। जब हम सृष्टि को जानते है यानी मनुष्य पशु पक्षी जीव जंतु और ग्रह तारे।
Read this article in English दुख का अनुभव हम सब को होता है, और सब दुख से मुक्ति पाने की चाह रखते है | दुख से छुटकारा भी शीघ्र हो जाता है | लेकिन वह
व्रज वासियों पर विषैला संकट… मधुर और नटखट लीलाओं के कारण भगवान कृष्ण लीला पुरषोत्तम भगवान कहें जाते है | जब द्वापरयुग में भगवान कृष्ण देवकी और वसुदेव के पुत्र रूप में प्रकट हुए तब
योग साधना, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए मंत्रों का जाप एक उपयुक्त तरीका माना जाता है | जाप का महत्व न केवल वेद और पुराणों में बताया गया है | श्रीमद भगवद्गीता में
आदि शंकर आचार्य की रचना निर्वाण षट्कम शिव के वास्तविक स्वरूप का बहुत ही सुंदर तरीके से वर्णन करती है | निर्वाण षट्कम के बोल, अर्थ और जानकारी यहां उपलब्ध है… निर्वाण षट्कम के बोल
महा मृत्युंजय मंत्र महा मृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || (AUM Tryambkan Yajamahe Sugandhin Pushtiverdham | Urvarukamive Bandhananmrityormukshiya Mamritat ||) महा मृत्युंजय मंत्र का
नाम या मंत्र जप का विज्ञान | भगवान नाम जाप से कीर्तन से क्या होता है भगवान नाम जप या मंत्र जाप की शक्ति की पहचान केवल उन्हें है जिनकी बुद्धि इस दुनिया के झूठे
जिनके पुण्य उदय हो जाते है उन्हे परमात्मा के असीम स्वरूप का दर्शन होता है | लेकिन परमात्मा के ये स्वरूप है कैसा और इसके कैसे जाना जाता है इस लेख में जानिए | परमात्मा