नाम जप, मंत्र जप का विज्ञान | भगवान नाम जाप से कीर्तन से क्या होता है
नाम या मंत्र जप का विज्ञान | भगवान नाम जाप से कीर्तन से क्या होता है भगवान नाम जप या मंत्र जाप की शक्ति की पहचान केवल उन्हें है जिनकी बुद्धि इस दुनिया के झूठे … पूरा पढ़िए→
नाम या मंत्र जप का विज्ञान | भगवान नाम जाप से कीर्तन से क्या होता है भगवान नाम जप या मंत्र जाप की शक्ति की पहचान केवल उन्हें है जिनकी बुद्धि इस दुनिया के झूठे … पूरा पढ़िए→
Krishna Mantra: Krsnaya Vasudevaya Devaki Nandanaya विज्ञापन यह मंत्र कृष्णाय वासुदेवाय देवकीनन्दनाय भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, यह मधुर मंत्र श्रीमद भागवतम् का है। भक्तों! भगवान कृष्ण का सुमिरन करने के लिए अनन्य कृष्ण भक्त … पूरा पढ़िए→
भगवान श्रीकृष्ण सभी पापों का नाश करने वाले हैं, भगवान का यह मंत्र श्रीमद भागवत का हैं, यह केवल एक मंत्र न होकर भगवान के लिए पुकार हैं। इस सिद्ध मंत्र के जाप से अद्भुत … पूरा पढ़िए→
भगवान के जो भक्त इन दैवी गुणों से पूर्ण होते है इनपर भगवान की असीम कृपा बरसती है । भगवान की शुद्ध भक्ति के अद्भुत लाभ हैं स्वयं भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है … पूरा पढ़िए→
भगवान विष्णु जो माया के गुणों से परे हैं उन्हें अनन्य भक्ति द्वारा जाना जाता हैं, भगवान विष्णु के भक्ति में उनका भजन कीर्तन, पूजा और यज्ञ आदि कार्य किए जाते है भगवान विष्णु के … पूरा पढ़िए→
जो लोग भाग्यवान होते हैं उन्हें जीवन में भगवान की भक्ति प्राप्त होती है भक्ति ही जीवन का सार हैं। भगवान के निस्वार्थ भक्तों ने भक्ति कर भगवान की कृपा प्राप्त कि जिससे उन्हें भक्ति … पूरा पढ़िए→
सबसे पहले तो यह जान लीजिए भक्ति किसी लाभ के लिए नहीं हैं, भगवान की भक्ति करना यानी भगवान को समर्पण करना होता हैं। भक्ति का अर्थ है निस्वार्थ प्रेम यह एक भाव है जो … पूरा पढ़िए→
आत्मा रामा आनंद रमना भजन के बोल आत्मा रामा आनंद रमना, आत्मा रामा आनंद रमना | अच्युत केशव हरि नारायण, अच्युत केशव हरि नारायण ||१|| भवभय हरणा वंदित चरणा, भवभय हरणा वंदित चरणा | रघुकुलभूषण … पूरा पढ़िए→
मंत्र के बोल || केशवी केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूतिर्: रूद्राणी रूद्र देवता || || Keshavi Keshavaraadhyā Kishori Keshavastutā Rudra Roopā Rudra Murthihi Rudraani Rudra Devatā || विज्ञापन मंत्र का अर्थ और तात्पर्य … पूरा पढ़िए→
भगवान् श्रीकृष्ण का ध्यान करना दिव्य आनंद हैं । यह भक्त और भगवान् के दिव्य प्रेम संबध को दर्शाता हैं । अगर आप प्रभु को अपने हृदय में विराजमान कर ध्यान में लीन होते … पूरा पढ़िए→