परमात्मा का दर्शन कैसे होता है | माया के परे परम् आत्म
जिनके पुण्य उदय हो जाते है उन्हे परमात्मा के असीम स्वरूप का दर्शन होता है | लेकिन परमात्मा के ये स्वरूप है कैसा और इसके कैसे जाना जाता है इस लेख में जानिए | परमात्मा
जिनके पुण्य उदय हो जाते है उन्हे परमात्मा के असीम स्वरूप का दर्शन होता है | लेकिन परमात्मा के ये स्वरूप है कैसा और इसके कैसे जाना जाता है इस लेख में जानिए | परमात्मा
माया का स्वरूप क्या है माया भगवान कृष्ण की शक्ति है; भगवान कृष्ण परमात्मा है | भगवान श्री कृष्ण सत् चित् आनंद स्वरूप है और माया त्रिगुणात्मक है | जो संसार हम देखते है यह
भगवान शिव का एक नाम रुद्र है ऋग्वेद में भगवान रुद्र को परमात्मा कहा गया है | शिवपुराण, भगवतपुराण और शैवागम में भगवान शिव के एकादस रुद्र यानी ग्यारह रुद्र अवतार बताएं गए है |
भगवत गीता के अनमोल वचन | Bhagavad Gita quotes in Hindi जब वीर अर्जुन रणभूमि में अनिर्णय की स्थिति में था, तब भगवान कृष्ण ने उनके शिष्य अर्जुन को गीता ज्ञान उपदेश दिया था |
यहां से मुक्त होना ही हर मनुष्य का उद्धार है | परंतु जो इस दुनिया के मोहजाल में ही पड़े है और निरंतर व्याकुल है सुख दुख में चूर हो जाते है | चिंता
दर्शनों के अनुसार कहा जाता है की जीवों का अंतिम सत्य मृत्यु नही है मृत्यु के बाद भी जीव पुनः जन्म लेकर इस संसार में आते है | इसको पुनर्जन्म कहा जाता है कई दार्शनिकों
माता पिता का स्थान किसी बच्चे के जीवन में सबसे ऊंचा होता है | पहले गुरु माता पिता ही होते है वे ही उसे बोलना, चलना, जीना सिखाते है | अपने माता पिता का आदर
Vishnu Mantra: श्रद्धा और समर्पण से भगवान के नाम का स्मरण करना आत्मिक उन्नति का एक उत्कृष्ट साधन है, यह आध्यात्मिक उन्नति का विज्ञान है | भगवान कृष्ण गीता में कहते है त्रिगुणात्मिका माया को
आपने उपनिषदों में और अन्य आध्यात्मिक ग्रंथों में ब्रह्म या आत्मा का बारे में पढ़ा ही होंगा! या इन शब्दों को सुना तो होंगा ही! लेकिन क्या अपने कभी सोचा है की ये क्या है?
नेति-नेति का अर्थ है “यह नहीं, वह नही” यह श्लोक साधक को आध्यात्मिक विकास और आत्मज्ञान साक्षात्कार करने में एक साधन का काम करता है | यह भ्रम को काटने की तलवार है सभी भ्रम