नींद और समाधि में क्या अंतर और समानता हैं?
      WhatsApp

Purity of Life

   

जीवन को सार्थक बनाने वाली इस यात्रा में आपका स्वागत है! योग, आध्यात्म, और ज्ञानवर्धक संदेश रोज पायें!

            Purity of Life Icon         Follow    

नींद और समाधि में क्या अंतर और समानता हैं?

nind aur samadhi mein kya antar hai

नींद और समाधि में समानता भी हैं और ये दोनों अवस्थाएं एक दूसरे से अगल भी हैं। नींद और समाधि में अंतर और समानता को जानते हैं।

नींद से तो कोई भी अनजान नहीं हैं समस्त जीव शरीर को आराम देने के लिए नींद में जाते हैं, और जीवों को चुस्त, दुरुस्त रहने के लिए नींद लेकर शरीर को आराम देने की आवश्कता भी हैं।

समाधि नींद की जगह आकर नींद की कमी को पूर्ण कर सकती हैं, और इससे अलग समाधि के कुछ अन्य फ़ायदे भी हैं, जो नींद में नहीं हैं।

नींद क्या हैं?

नींद के बारे में तो कोई भी अनजान नहीं हैं, फिर भी नींद और समाधि के अंतर को स्पष्ट करने के लिए हम पहले नींद को थोड़ा गहराई से जानते हैं। इसमें दो तरह की नींद हैं एक स्वप्न दिखाने वाली नींद और दूसरी बिना कोई स्वप्न वाली गहरी नींद।

बिना स्वप्न वाली गहरी नींद

बिना स्वप्न वाली नींद यानी इसे हम गहरी नींद भी कह सकते हैं, इस तरह की नींद में व्यक्ति अचेतन यानी होता है या पूर्ण बेहोशी में होता हैं। उसे संसार और स्वयं का कोई ज्ञान नहीं होता ,उसे समय का भी कोई ज्ञान नहीं होता। इस नींद में व्यक्ति अज्ञानता का अंधकार में जाता हैं। और इन्द्रियों का भी अंधकार में ही विलय हो जाता है।

इस नींद के बाद जब व्यक्ति सुबह जागता है तो वह स्वयं में ताजगी अनुभव करता है और अगर उसपर किसी दुख के बदल नहीं मंडरा रहे तो वह अवश्य ही इस नींद को कारण आनंदित भी हो सकता हैं।

स्वप्न वाली नींद

इस तरह की नींद ने व्यक्ति का शरीर अचेतन होता हैं किन्तु मन चेतन होता हैं इसी कारण स्वप्न दिखने लगते हैं, इस स्वप्न देखते समय व्यक्ति का मन भौतिक संसार से आसक्त होता हैं, अंतर मन स्वप्न में एक काल्पनिक समय को भी बना देता हैं।

समाधी क्या हैं?

समाधि में व्यक्ति भौतिक संसार से मुक्त हो जाता हैं, बिलकुल उसी तरह जैसे बिना स्वप्न वाली गहरी नींद में किंतु वहां वह अचेतन होता हैं उसे स्वयं का ज्ञान नहीं होता। समाधि में व्यक्ति चैतन्य होता है। मन, विचार, कर्म और भौतिक ज्ञान को शून्य कर के भी वह पूर्ण जागृत अवस्था में ही होता है। इंद्रियां बिलकुल जागृत अवस्था के तरह विद्यमान रहती हैं। किंतु व्यक्ति इनके परे चेतना तक चला जाता हैं।

समाधि में आत्म परमात्मा से भिन्न नहीं रहता और वह शुद्ध चैतन्य स्वरूप परमात्मा में ही विलीन हो जाता हैं।

   Jivan ki Shuddhta    

Purity of Life

Join Us on WhatsApp

समाधि और नींद में अंतर

समाधि और नींद के अंतर को स्पष्ट करना कठिन नहीं हैं, जब समाधि की अवस्था प्राप्त होती हैं, यह सूर्य के प्रकाश से भी तेजस्वी जान पढ़ती हैं, इसे समाधि, ध्यान और अध्यात्म से अनजान व्यक्ति भी स्पष्ट कर सकता हैं। नींद अंधकार की तरह हैं और समाधि सूर्य के प्रकाश से भी तेजस्वी हैं, तो इनमे अंतर स्पष्ट करने में भी कोई कठिनाई नहीं हैं।

स्वप्न दिखाने वाली नींद

बिना स्वप्न वाली गहरी नींद

समाधि

भौतिक संसार से मन की आसक्ति होती हैं।

भौतिक संसार से मन मुक्त होकर विश्राम करता हैं।

मन चैतन्य स्वरूप आत्म में विलीन हो जाता हैं।

इंद्रियां अचेतन होती हैं, मन जागृत होता हैं।

मन और इंद्रियां अचेतन होती हैं।

मन और इंद्रियों चेतना में विलीन हो जाते हैं। यह पूर्ण जागृत अवस्था हैं।

नींद में ज्ञान नहीं होता ।

नींद में ज्ञान नही होता।

समाधि ज्ञान हैं।

संसार में इन्द्रियों का विश्राम हैं।

इंद्रियों के साथ मन का विश्राम हैं।

आत्म की मन और इंद्रियों के साथ संसार से मुक्ति हैं।

सुख और दुख के बंधन है।

सुख दुख के बीच रहकर विश्राम है।

सुख दुख से परे परमआनंद है।

सभी मनुष्य जीव और अधिकाश तरह के जीव नींद लेते हैं।

समाधि में को प्राप्त होने वाला योगी कहा जाता हैं।

इंदियों का अंधकार में विलय हो जाता हैं।

मन, विचारो और इंद्रियों का अंधकार में विलय हो जाता हैं।

आत्म प्रकाश स्वरूप ज्ञान में विलीन हो जाता हैं।

नींद से बाहर आने पर पलके बंद करने पर पलकों में सुनहरा रंग दिखाई देता है।

समाधि से बाहर आने पर पलके बंद करने पर पलकों में बैंगनी रंग दिखाई देता है।

समाधि और नींद में कुछ समानता

1. समाधि और नींद से बाहर आने के बाद व्यक्ति ताजगी और उर्जा को महसूस करता हैं।

2. समाधि और गहरी नींद में व्यक्ति ब्रह्म तत्व से जुड़ जाता हैं, समाधि में इसे स्पष्ट समझा जा सकता हैं।

3. समाधि और गहरी नींद में अवस्था में व्यक्ति सांसारिक बंधनों से मुक्ति प्राप्त करता हैं।

4. शरीर और दिमाग को आराम मिलता हैं।

Share This Article

– Advertisement –

   Purity of Life    

Purity of Life

Join Us on WhatsApp

Leave a Comment