भगवान श्रीकृष्ण सभी पापों का नाश करने वाले हैं, भगवान का यह मंत्र श्रीमद भागवत का हैं, यह केवल एक मंत्र न होकर भगवान के लिए पुकार हैं। इस सिद्ध मंत्र के जाप से अद्भुत आध्यात्मिक और मानसिक लाभ होते है.
भगवान गोविंद का यह मंत्र क्या है इस मंत्र का हिंदी अर्थ और इसके लाभ यहाँ जानिए.
मंत्र के बोल | Mantra lyrics
|| ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने | प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः ||
|| Aum Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane | Pranatah Kleshanashaya Govindaya Namo Namah ||
मंत्र का अर्थ | Mantra Meaning In Hindi
अर्थ – हे कृष्ण हे वासुदेव के पुत्र! आप हरि परमात्मा है, क्लेशों को हरने वाले हे गोविन्द आपको मैं बारम्बार प्रणाम करता हूं।
ॐ (Aum) – इसे ओंकार कहते है मंत्र यह परमात्मा के लिए कहा जाता है, ओंकार की ध्वनि सिद्धि ध्वनि है यह सभी मंत्रों का शीरोमणि मंत्र है।
कृष्णाय (Krishnaya) – भगवान कृष्ण
वासुदेवाय (Vasudevaya) – वासुदेव भगवान जो सभी जीवों के पालनहार हैं, भगवान कृष्ण के पिता का नाम
हरये (Haraye) – दुखों का नाश करने वाले हरि
परमात्मने (Paramatmane) – परमात्मा, परमसत्य
प्रणत: (Pranatah) – साष्टांग प्रणाम करना
क्लेशनाशाय (Kleshanashaya) – पापों को नाश करने वाले
गोविंदाय (Govindaya) – गोविंद, भगवान कृष्ण जो गायों को पालते है
नमो नमः (Namo Namah) – बारंबार नमन करना।
मंत्र जप के लाभ | Chanting Benefits In Hindi
अंतरिक शांति :
शास्त्रों के सिद्ध मंत्र के ध्वनि में अद्भुत शक्ति होती है हृदय में इसके जाप से आंतरिक मानसिक शांति का अनुभव होता है और तनाव विषाद से छुटकारा होता हैं।
आध्यात्मिक उन्नति :
मंत्र जाप योग से आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह मंत्र कई महापुरषों और आचार्य द्वारा सिद्ध मंत्र हैं कई योगियों का यह ध्यान मंत्र है, इसके जाप से साधक आध्यात्मिक उन्नति करता पाता है।
दिव्य आनंद :
मंत्र जाप से मन निर्मल और शुद्ध तो होता ही है और निर्मल अहंकार रहित मन के साथ योग में आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है, इससे दिव्य आनंद मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
समस्याओं से लड़ने का आध्यात्मिक बल :
मंत्र जाप योग से आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह मंत्र कई महापुरषों और आचार्य द्वारा सिद्ध मंत्र हैं, इसके जाप से साधक आध्यात्मिक उन्नति करता है और जीवन की समस्याओ से लड़ने का आध्यात्मिक किला बनाता है।
परमसत्य परमात्मा वासुदेव भगवान का साक्षात्कार :
सिद्ध मंत्रों की ध्वनि में अद्भुत शक्ति है। इस मंत्र के जप से मन को निर्मल करना और मंत्र योग के अभ्यास से साधक परमसत्य का साक्षात्कार कर सकता है।
भगवान वासुदेव की कृपा :
साधकों ! यह केवल एक मंत्र न होकर भगवान कृष्ण की पुकार है जब जरासंध ने राजाओं को बंधी बनाया था और उनकी बली देने वाला था, तब सभी राजाओं ने भगवान की पुकार लगाई, उनकी पुकार पर परम दयाल भगवान ने उनकों मुक्त किया।
मंत्र के बारे में | About Mantra In Hindi
साधकों ! सिद्ध मंत्रों जाप से अविश्वनीय लाभ प्राप्त है
|| ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने | प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः ||
यह श्रीमद भागवत का एक सिद्ध मंत्र है, कई गुरु और आचार्य इस मंत्र जाप करते है और अपने शिष्यों को उपदेश देते हैं,
यह केवल एक मंत्र न होकर भगवान वासुदेव कृष्ण की पुकार है प्रार्थना है। इसे कई लाभ हो सकते है जैसे अंतरिक शांति, तनाव, विषाद से छुटकारा, आध्यात्मिक उन्नति, योगिक सिद्धियों की प्राप्ति दिव्य आनंद, मन की निर्मलता, अंतरिक दिव्य सुख, कृष्ण भगवान के लिए समर्पण और मोक्ष धाम की प्राप्ति।