बालकृष्ण और कालियनाग की कथा | भगवान कृष्ण की लीला
व्रज वासियों पर विषैला संकट… मधुर और नटखट लीलाओं के कारण भगवान कृष्ण लीला पुरषोत्तम भगवान कहें जाते है | जब द्वापरयुग में भगवान कृष्ण देवकी और वसुदेव के पुत्र रूप में प्रकट हुए तब
व्रज वासियों पर विषैला संकट… मधुर और नटखट लीलाओं के कारण भगवान कृष्ण लीला पुरषोत्तम भगवान कहें जाते है | जब द्वापरयुग में भगवान कृष्ण देवकी और वसुदेव के पुत्र रूप में प्रकट हुए तब
एक बार वैकुंठ में देवर्षि नारद को गर्व हुआ की वह माया के अधीन नहीं हैं । जैसे मनुष्य, जीव और अन्य भी इस माया को पार नहीं कर पाते और माया जाल में फस
एक समय की बात है, एक गांव में भाई बहन रहते थे, बहन अपने भाई से बहुत प्रेम करती थी, बहन का रोज का नियम था वह अपने भाई का चेहरा देखने बाद ही भोजन
एक गांव में मनोहरदास नामक संत अपनी पत्नी वसुंधरा के साथ रहते थें। एक दिन संत मनोहरदास ने साहूकार से ब्याज पर सौ रूपये लिए और वे सौ रुपयों को साधू संतों पर खर्च कर