समाधि क्या हैं – श्रीमद् भगवद्गीता के अनुसार
योग की सबसे उच्चतम अवस्था को समाधि कहा जाता हैं। जो योगी समाधि को प्राप्त होता हैं उसके समस्त कर्म परमात्मा में विलीन हो जाते हैं। वह एक जीव होने नाते बंधनों से मुक्त होता
योग की सबसे उच्चतम अवस्था को समाधि कहा जाता हैं। जो योगी समाधि को प्राप्त होता हैं उसके समस्त कर्म परमात्मा में विलीन हो जाते हैं। वह एक जीव होने नाते बंधनों से मुक्त होता
कुंडलिनी योग गैरमामुली हैं । यह जीवन शक्ति, ऊर्जा, तेज से भरपूर हैं। अगर किसी साधक की एक बार कुंडलिनी शक्ति जागृत हो जाती हैं, तो अगले ही दिन में यह अविश्वसनीय बदलाव ला सकती
ध्यान एक सर्वोत्तम योग क्रिया हैं, इससे आम अशांत और भागदौड़ वाले जीवन में अद्भुत क्रांति संभव हैं , ध्यान शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों के लिए लाभदायक हैं, ध्यान के महत्व को प्राचीन ग्रंथों
मन को शांत और नियंत्रित कैसे करें | Man ko niyantrit kaise kare अगर मन में लगातार उथल-पुथल होती रहती हैं। तो यह गंभीर समस्या बन सकती हैं, अगर मन को नियंत्रित और शांत न
नींद और समाधि में समानता भी हैं और ये दोनों अवस्थाएं एक दूसरे से अगल भी हैं। नींद और समाधि में अंतर और समानता को जानते हैं। नींद से तो कोई भी अनजान नहीं हैं
जो लोग ध्यान की अवस्था नहीं जानते वे ध्यान में क्या सोचना चाहिए पूछते हैं। सबसे पहले तो हमे यह समझना है की ध्यान केवल वह नहीं है जिसे पूरी तैयारी से आसन लगाकर बैठ
ध्यान के द्वारा न केवल स्वयं का बल्कि जीवन मृत्यु के चक्र से परे परमसत्य तक का भी बोध प्राप्त होता हैं। तथा ध्यान में ऐसे गुण भी है जो किसी चमत्कार से कम नहीं
‘अहम् ब्रह्मास्मि ‘ महावाक्य का तात्पर्य | Aham brahmasmi in hindi अहम् ब्रह्मास्मि सनातन का महावाक्य है, यह अद्वैत वेदांत के चार महावाक्यों में से एक हैं, यह विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से
मंत्र की शक्ति का साक्षात्कार बिना मंत्र जप साधना के नहीं लगाया जा सकता, इस बात को मानना चाहिए की कुछ है जो हमारे समझ और सभी सीमाओं से परे है | इसलिए बेहतर है