मोक्ष क्या है ? | मोक्ष प्राप्ति के उपाय जानिए – Moksh Kya Hai Prapti Ke Upay

मोक्ष प्राप्ति के उपाय जानिए | Moksh Kya Hai Prapti Ke Upay दुनिया भर के सभी धर्मो और संप्रदायों का सार अगर निकाले तो मोक्ष (Enlightenment) को प्राप्त करना जीवन का एक मात्र लक्ष होना

गरूड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद क्या होता है?, यहां जानें | Mrityu Ke Baad Kya Hota Hai

Mrityu Ke Baad Kya Hota Hai

भौतिक शरीर नश्वर है, समय के साथ शरीर का विकास होता है और एक समय पर रोग, हानि या बुढ़ापे के कारण शरीर की मृत्यु हो जाती हैं। जगत में आज तक जो भी भौतिक

समाधि क्या हैं? समाधि का अनुभव कैसा है? – Samadhi Kya Hai

Samadhi Kya Hai

इस लेख में समाधी क्या है? श्रीमद भागवत गीता में समाधी का वर्णन, और समाधि की अवस्था को कैसे पाया जा सकता है इन विषयों पर जानकारी दी गई है। अन्य पढ़े – आत्मज्ञान क्या

आत्म-ज्ञान क्या है? – पवित्र आत्मा का साक्षात्कार (अनुभव)

आत्म-ज्ञान क्या है? साधकों! आत्म-ज्ञान क्या है? इसे हम इस प्रश्न में हुए शब्दों से ही समझ सकते हैं, जब आप ‘स्वयं’ की और इशारा करते हैं तो आप स्वयं को ‘आत्म’ कहते हैं, जब

जीवात्मा, आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है?

साधकों इस लेख में आप जीवात्मा, आत्मा और परमात्मा के बीच के अंतर को जानेंगे। गरूड़ पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता इन धार्मिक ग्रंथों में हमें जीवात्मा आत्मा और परमात्मा के बारे में पर्याप्त ज्ञान मिलता हैं। जीवात्मा,

परमात्मा कौन हैं? स्वयं में ही परमात्मा दर्शन कैसे पाए?

परमात्मा का स्वरूप, आत्म में परमात्मा के दर्शन

युगों-युगों से ही लोगों में परमात्मा को जानने की जिज्ञासा चली आ रही हैं, हमारे धार्मिक ग्रंथों में वर्णित मिलता हैं की यह संसार एक जीवन और मृत्यु का चक्र हैं जिसमे जीवात्मा झुझती हैं,

आत्मज्ञान क्या हैं कैसे प्राप्त करें – Aatm Gyan Kya Hai – Aatm Gyan Kaise Prapt Karen

Aatm Gyan Kya Hai – Aatm Gyan Kaise Prapt Karen

साधकों इस लेख में आपको आपके सत्य स्वरूप को पहचानने के बारे में जानकारी दी गई है। आत्मज्ञान यानी स्वयं का ज्ञान, चलिए जानते हैं आत्म ज्ञान क्या होता है और आत्म ज्ञान कैसे प्राप्त

परमानंद क्या होता है? | परमानंद की अवस्था

Parmanand Kaise Hota Hai

परम सुख या परमानंद क्या होता हैं, ये आपको परमानंद को वास्तविक रूप में पा लेकर ही इसे समझ सकते हैं। लेकिन आपने जीवन में परमानंद नहीं पाया या कभी आपको परमानंद की अवस्था प्राप्त