जीवात्मा, आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है?

साधकों इस लेख में आप जीवात्मा, आत्मा और परमात्मा के बीच के अंतर को जानेंगे। गरूड़ पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता इन धार्मिक ग्रंथों में हमें जीवात्मा आत्मा और परमात्मा के बारे में पर्याप्त ज्ञान मिलता हैं।

जीवात्मा, आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है?

जीवात्मा : जीवात्मा जीवों को कहां गया, अगर हम जीवों को समझे तो जीवात्मा को भी सरलता से समझ सकते है, जीव माया के कारण संसार से बंधन में जान पड़ते हैं , जीवों में मन के कारण शरीर का अहंकार होता है, ये शरीर को मैं ( अहम) जानते हैं, भौतिक संसार के विषयों से आसक्ति, कर्म का कर्ता होने का भाव और सम्पूर्ण संसार का भोक्ता होना यह जीवात्मा के लक्षण हैं। जीवात्मा शरीर को अहम जानते है।

आत्मा : आत्मा समस्त जीवों का परम सत्य स्वरूप होता है, यह आत्मा भौतिक शरीर और जीवात्मा से परे होती हैं। जब योगी पुरष ध्यान करते है तब वे अपने मन, बुद्धि, अहंकार और इन्द्रियों से परे शुद्ध आत्मा के दर्शन करे हैं जिसे परमज्ञान या आत्म साक्षात्कार कहते हैं।

परमात्मा : परमात्मा और आत्मा दोनों एक ही है। जीवात्मा संसार के जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाती है तब वह जीवात्मा नही रहती और आत्मा परम आनंद परमात्मा के साथ एक रूप हो जाती है और मोक्ष प्राप्त करती है। परमात्मा के विषय में जानकारी के लिए अन्य आलेख पढ़े– परमात्मा कौन है, स्वयं में परमात्मकी झलक कैसे पाए

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नमस्ते दोस्तों! jivankishuddhta.in वेबसाइट के जरिये मैं निखिल जीवन के सभी मौलिक प्रश्नों का आध्यात्मिकता, दार्शनिकता, और विज्ञान के समन्वय के माध्यम से सरल भाषामें उत्तर देने का एक प्रयास किया है! उम्मीद है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।

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