रामभक्त हनुमान अतुलनीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वह भगवान शिव के अंशअवतार कहे जाते हैं। त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम धरती को क्रूर राक्षसों से मुक्त करने के लिएं धरती पर अवतरित हुएं। तब अपने आराध्य भगवान विष्णु के सेवा और सहायता के लिएं भगवान शिव महाबलशाली, हनुमान के में अवतरित हुएं।
जब श्रीराम अवतार लीला समाप्त होने पर अपने परमधाम वैकुंठ में लौट रहे थे उन्होंने हनुमान को पृथ्वी के अंत तक रहकर भक्तों और साधुओं की रक्षा करने के लिएं कहां ।
राम भक्त संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा हनुमान की स्तुति, उनके गुणों और कार्यों का चौपाइयों में वर्णन हैं, संपूर्ण जगत में भक्त हनुमान का स्मरण करने के लिएं हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा पूर्वक करते हैं ।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से एक दो नहीं बल्कि असंख्य लाभ भक्तों को होते हैं।
हनुमान चालीसा पाठ कब और कैसे किया जाता हैं,
हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिएं मंगलवार और शनिवार को शुभ दिवस माना जाता हैं, लेकिन रोजाना भी हनुमान चालीसा का उत्तम हैं। हनुमान चालीसा का पाठ एक बार या तीन बार किया जाता हैं। और सात बार हनुमान चालीसा पाठ करने से भक्तों के विशेष लाभ होता हैं, हनुमान चालीसा में कहां जाता हैं सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त को परम आनंद प्राप्त होता हैं।
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई॥
अर्थ- जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा, वह सब बंधनों से छूट जाता है, उसे परमानन्द मिलेगा।
हनुमान चालीसा पारंपरिक पाठ विधि,
1. हनुमान चालीसा या किसी भी चालीसा का पाठ करने के हुएं उस देवी देवता का विग्रह या प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए।
2. गाय के घी से या काले तिल के तेल से दीपक जलाएं प्रतिमा या विग्रह से सामने दीपक जलाएं।
3. तांबे के लोटे में एक लौंग और सिक्का डाल कर उसे ढक कर रखें।
4. लाल रंग का आसन तैयार करें।
5. हनुमान चालीसा का पाठ कीजिए।
हनुमान चालीसा पाठ करने के फायदें,
1. आत्मा को परमधाम की प्राप्ति: जो भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उनके लिए जन्म-मरण के चक्र से निकल कर परमधाम को प्राप्त सजग हो जाता हैं, या फिर वह किसी कारण जन्म लेते हैं वे हरी भक्त ही होते हैं, हनुमान चालीसा में एक पंती हैं “अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्त कहाई”
2. शारीरिक बल सद्बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति: महाबलशाली हनुमान जी को स्तुति हनुमान चालीसा पाठ करने से भक्तों को शारीरिक बल सद्बुद्धि और ज्ञान प्राप्त होता हैं । जो भक्त शारीरिक बल से संबधित क्षेत्र में उन्नति करना चाहते हैं वे महाबली हनुमान को ही अपना आराध्य मानते हैं।
3. निर्भयता : हनुमान जी भक्त निर्भय होते हैं, वे अपने भक्तों के सब संकट हर लेते हैं। हनुमान चालीसा में एक पंती हैं “तुम रक्षक काहू को डरना”
4. आत्मविश्वास – जो भक्त नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उनका मानना हैं की पाठ से उनमें आत्मविश्वास बढ़ा हैं ।
5. शनिदेव की कुदृष्टि से मुक्ति: एक बार हनुमान जी ने शनिदेव की रक्षा की थीं, हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव की कुदृष्टि के ज्यादा दुष्परिणाम नहीं होते यहां तक कि शनि की वक्र दृष्टि से भी भक्तों की ज्यादा हानि नहीं होती।
6. मानसिक शांति: हनुमान चालीसा का पाठ करने से निश्चित ही भक्त मानसिक तनाव से मुक्त होता हैं और शांति प्राप्त करता हैं।
7. रोग, पीड़ा से मुक्ति: हनुमान चालीसा में एक पंती हैं “नौसे रोग हरे सब पीड़ा जपत निरंतर हमुमत बीरा” भक्त मानते है की हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा पूर्वक पाठ करने से हनुमान के दिव्य गुण भक्तों के रोग पीड़ा का नाश कर देते हैं।
परंतु भक्ति में श्रद्धाभाव की आवश्कता होती हैं। आज के समय में चिकित्सक से अवश्य भेट करनी चाहिए।
8. समस्त सुखों की प्राप्ति: हनुमान जी की कृपा से भक्तों को सब सुख प्राप्त हो सकते हैं जो हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उन्हें किसी अन्य देवता की आवश्कता नहीं हैं।
9. दुख, संकट, पीड़ा से छुटकारा: जिन भक्तों पर हनुमान जी की कृपा दृष्टि होती हैं उनके जीवन के दुख, संकट पीड़ा कट जाते हैं।
10. भय और बुरे विचारों से मुक्ति: हनुमान चालीसा में कहां गया हैं “भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे” हनुमान जी के भक्त भय और बुरे विचारों के बंधन से मुक्ति प्राप्त करते हैं।
जय श्री राम!
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